शब्द
स्वर मंद पड़ें जब क्रुद्ध भीड़ में,
शब्दों को तब आज़मा लेना।
मन क्रंद करे जो निपट विजन में,
शब्दों से गीत बना लेना।
शब्द ब्रह्म है, शब्द शक्ति है,
शब्द की महिमा गा लेना।
शब्द सत्य है, शब्द मुक्ति है,
शब्द में चित्त लगा लेना।
जब-जब शब्द करें हलचल,
हलचल पर ध्यान लगा लेना।
शब्द भाव का मेल कराकर,
सुन्दर छंद बना लेना।
शब्दों की नैया को खेकर,
जीवन पार लगा लेना।
शब्दों की आंधी लाकर,
सोते लोग जगा देना।
दग्ध ह्रदय को राहत देने,
शब्द चांदनी छिटका देना।
सुर न सधे तो मन ही मन में,
शब्द रागिनी गा लेना।
~ नेहा दशोरा
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