सहज होना
सहज होना, सहल होना,
न आसां है सरल होना ।
ना अमृत हाथ आ पाए,
है दुनिया का गरल होना।
सदा ही धार पर रहना,
सदा मझधार में बहना।
घिरे रहना है कीचड़ से,
यूं जैसे कि कमल होना ।
बड़ी होशियार ये दुनिया
तेज़-तर्रार ये दुनिया।
है जीना ही बड़ा मुश्किल,
तुम्हें होगा चपल होना ।
हैं पत्थर के दिलों वाले,
बड़े ही हौसलों वाले।
तुम्हें दुख-दर्द ही देगा,
हृदय का यों तरल होना ।
ये झूठा वायदा देंगे,
तुम्हारा फायदा लेंगे।
गढ़ेंगे सैकड़ों किस्से,
मगर मुश्किल अमल होना।
तुम्हें ना ज्ञान है छल का,
न ही संज्ञान कपट–बल का।
कोई धोखा न दे जाए,
जरूरी है संभल होना।
मगर फिर भी सरल होना,
सहज होना, सहल होना।
नहीं देना कभी धोखा,
नहीं कोई नहीं ज़हर बोना।
–नेहा दशोरा
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