एक प्रार्थना
वर देना, पर देना
शब्दों को स्वर देना।
कर्म और मन, बुद्धि को
दृढ़ता से भर देना।
विद्या और मेधा पाएं
लक्ष्यों को भेदा जाए।
स्थिर हों चित्त और चिंतन
ऐसा कुछ कर देना।
कला का आगाज़ हो,
गुणों को परवाज़ हो।
सुलझे और सुथरे हो मन
भटकों को घर देना।
शांति संदेश देना,
क्रांति आदेश देना।
जब जो ज़रूरी है
वैसी गुज़र देना ।
ज्ञान और विज्ञान देना,
सच का संज्ञान देना।
पढ़-लिख पाएं सभी,
सबको आखर देना।
दे देना सद्बुद्धि ,
हर लेना दुरबुद्धि।
ना खोदे कोई खाई,
संकट सब हर लेना।
संगीत लहरी देना,
समझ भी गहरी देना।
नवरस का स्वाद देना
आनंद अमर देना ।
सब ओर उजास होवे,
मन ना उदास होवे।
सबके दिलों में वो,
सुख का निर्झर देना।
कलम को धार देना,
शब्दों को भार देना।
शुचिता का वर देना
बुद्धि प्रखर देना।
सबको हुनर देना
हुनर को पर देना।
जो बीज बोता है,
उसको समर देना।
–नेहा दशोरा
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